EPS Pension Calculation: कर्मचारी पेंशन योजना भारत सरकार द्वारा संचालित एक रिटायरमेंट योजना है, जिसे 1995 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य संगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद नियमित पेंशन प्रदान करना है। अगर आपकी बेसिक सैलरी 55,000 रुपये है और आपने 30 साल तक नौकरी की है, तो आपकी पेंशन कितनी होगी? आइए विस्तार से समझते हैं।
EPS योजना के तहत पात्रता
EPS का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना जरूरी है:
- न्यूनतम 10 साल की सेवा पूरी करनी होगी।
- 58 वर्ष की उम्र में नियमित पेंशन के लिए पात्रता।
- 50 वर्ष की उम्र में अर्ली पेंशन का विकल्प उपलब्ध।
- EPFO के सदस्य होने चाहिए।
EPS में योगदान कैसे किया जाता है?
EPS में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं। कुल 12% योगदान में से:
- 8.33% राशि कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाती है।
- 3.67% राशि कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में जमा होती है।
EPS के लाभ
- 58 साल की उम्र के बाद नियमित पेंशन मिलती है।
- 50 साल की उम्र में अर्ली पेंशन का विकल्प।
- कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिवार को पेंशन का लाभ मिलता है।
- न्यूनतम पेंशन राशि 1,000 रुपये और अधिकतम 7,500 रुपये मासिक तक हो सकती है।
EPS नॉमिनेशन प्रक्रिया
EPS के तहत कर्मचारी अपने परिवार के किसी सदस्य (पति/पत्नी, बच्चे, माता-पिता) को नॉमिनी बना सकता है। यदि कोई परिवार नहीं है, तो किसी अन्य व्यक्ति को भी नामांकित किया जा सकता है।
EPS पेंशन की गणना कैसे होती है?
EPS पेंशन की गणना निम्नलिखित फॉर्मूले से की जाती है:
मासिक पेंशन = (पेंशन योग्य वेतन × पेंशन योग्य सेवा) ÷ 70
30 साल की सेवा पर पेंशन गणना
EPS पेंशन की गणना के लिए अधिकतम वेतन सीमा 15,000 रुपये तय की गई है, भले ही आपकी सैलरी अधिक हो।
उदाहरण के लिए:
- आपकी पेंशन योग्य सेवा = 30 साल
- अधिकतम पेंशन योग्य वेतन = 15,000 रुपये
अब फॉर्मूले के अनुसार:
(15,000 × 30) ÷ 70 = 6,429 रुपये
निष्कर्ष
अगर आपकी बेसिक सैलरी 55,000 रुपये है और आपने 30 साल तक नौकरी की है, तो आपकी मासिक पेंशन लगभग 6,429 रुपये होगी। EPS योजना से कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा मिलती है, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।