Toll Tax New Rules: दिल्ली-एनसीआर में रोजाना आने-जाने वाले लोगों के लिए राहत की खबर है। खासतौर पर उन यात्रियों के लिए जो टोल टैक्स और एमसीडी द्वारा वसूले जाने वाले ग्रीन टैक्स की वजह से बॉर्डर पर लगने वाले लंबे जाम से परेशान रहते हैं। अब इस समस्या को दूर करने की योजना बनाई गई है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) जल्द ही एमसीडी से अपने टोल कलेक्शन पॉइंट्स को मुख्य मार्गों से हटाने की सिफारिश कर सकता है।
सड़क परिवहन मंत्रालय और हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट में जाकर वर्ष 2015 के आदेश में संशोधन की मांग करेगी, ताकि बॉर्डर एरिया पर टैक्स वसूली केंद्रों को हटाया जा सके और वाणिज्यिक वाहनों से पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (ECC) की वसूली आसान हो सके। केंद्र, दिल्ली और हरियाणा सरकार के अधिकारियों की हाल ही में हुई बैठक में इस योजना को अंतिम रूप दिया गया।
बॉर्डर जाम से मिलेगी राहत
दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों को एमसीडी के ग्रीन टैक्स और टोल टैक्स की वजह से भारी जाम का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर, कैब ड्राइवरों से 100 रुपये टोल वसूला जाता है, जिससे सुबह-शाम ऑफिस टाइम में बॉर्डर पर लंबी कतारें लगती हैं। इससे रोजाना लाखों यात्रियों का समय बर्बाद होता है, लेकिन नई व्यवस्था लागू होने के बाद यह समस्या खत्म हो सकती है और दिल्ली-एनसीआर में यात्रा आसान हो जाएगी।
NHAI द्वारा उठाए जाने वाले दो प्रमुख कदम
- टोल पॉइंट हटाने की सिफारिश
- एनएचएआई, एमसीडी से अपने सभी टोल कलेक्शन पॉइंट्स को राजधानी की सीमाओं से दूर मुख्य मार्गों पर शिफ्ट करने के लिए कहेगा।
- दिल्ली-गुरुग्राम को जोड़ने वाला एनएच-48 और दिल्ली-नोएडा-गाजियाबाद को जोड़ने वाला एनएच-9 दो प्रमुख मार्ग हैं, जहां यह योजना लागू की जाएगी।
- सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
- सड़क परिवहन मंत्रालय और हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 2015 के आदेश में संशोधन की मांग करेगी।
- इसमें टोल वसूली बिंदुओं को बॉर्डर से दूर करने और वाणिज्यिक वाहनों से ईसीसी की वसूली की नई व्यवस्था को मंजूरी देने की अपील की जाएगी।
- एनएचएआई गैन्ट्री-आधारित (ओवरहेड) टोल कलेक्शन प्रणाली की भी सिफारिश करेगा, जिससे फिजिकल टोल प्लाजा को खत्म किया जा सकेगा।
दिल्ली-एनसीआर के यात्रियों के लिए क्या बदलेगा?
- MCD के टोल और ग्रीन टैक्स वसूली केंद्रों को बॉर्डर से दूर शिफ्ट किया जाएगा।
- अब टोल कलेक्शन ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडिंग (ANPR) के जरिए होगा।
- FASTag प्रणाली से लिंक कर टैक्स की कटौती होगी, जिससे गाड़ियों को रुकने की जरूरत नहीं होगी।
- केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार मिलकर सुप्रीम कोर्ट से इस संबंध में अनुमति मांगेगी।
यात्रियों को क्या फायदा होगा?
समस्या | समाधान और लाभ |
---|---|
बॉर्डर पर लंबा जाम | टोल कलेक्शन हटने से सीधा रास्ता मिलेगा |
समय की बर्बादी | रोजाना 1-1.5 घंटे की बचत |
टोल/टैक्स भुगतान में देरी | FASTag के जरिए ऑटोमैटिक कटौती |
दिल्ली में ट्रैफिक का दबाव | बॉर्डर पर जाम कम होने से दिल्ली में भी सुगम यातायात |
प्रदूषण | ट्रैफिक स्मूथ होने से धुएं और प्रदूषण में कमी |
किन यात्रियों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा?
रूट | कौन लाभान्वित होगा? |
---|---|
गुरुग्राम-दिल्ली (NH-48) | ऑफिस वर्कर्स, बिजनेस पर्सन, कैब-ड्राइवर |
नोएडा-गाजियाबाद-दिल्ली (NH-9) | कर्मचारी, स्टूडेंट्स, मरीज |
सोनीपत-कुंडली (NH-44) | लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट कंपनियां |
फरीदाबाद-बदरपुर (NH-19) | फैक्ट्री वर्कर्स, व्यापारी |
सरकार को क्या फायदा होगा?
- प्रदूषण में कमी आएगी, क्योंकि ट्रैफिक रुकेगा नहीं।
- स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंडिया के तहत ऑटोमेटिक टोल कलेक्शन होगा।
- व्यापार में तेजी आएगी, क्योंकि ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स में देरी नहीं होगी।
क्या बदलाव होंगे?
- दिल्ली-NCR के बॉर्डर पर लगने वाले लंबे ट्रैफिक जाम से छुटकारा मिलेगा।
- टोल और ग्रीन टैक्स ऑटोमैटिक तरीके से वसूला जाएगा, जिससे कोई बाधा नहीं होगी।
- दिल्ली-NCR के लाखों लोगों के रोज के 1-2 घंटे बचेंगे।
- ऑफिस, बिजनेस, ट्रांसपोर्ट और मेडिकल इमरजेंसी सेवाओं को सीधा लाभ मिलेगा।
निष्कर्ष: इस नई योजना से दिल्ली-NCR के यात्रियों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। यदि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका को मंजूरी देता है, तो दिल्ली में प्रवेश करने वाले लाखों लोगों को ट्रैफिक जाम और टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ से छुटकारा मिलेगा, जिससे यात्रा तेज और सुविधाजनक हो जाएगी।
Very nice 👍